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LIC Jeevan Utsav Plan (771)

 LIC Jeevan Utsav Plan (771) – Features, Benefits & Maturity Details 1. योजना का परिचय LIC Jeevan Utsav Plan (प्लान नंबर 771) एक Whole Life Assurance Plan है जो गारंटीड रिटर्न, जीवन भर कवर और नियमित इनकम की सुविधा प्रदान करता है। यह नॉन-लिंक्ड, गारंटीड बेनिफिट वाली योजना है जिसमें आपको लाइफ टाइम तक इनकम मिलती है और आपके परिवार को सिक्योरिटी भी। --- 2. मुख्य विशेषताएँ प्लान टाइप: Whole Life Assurance (गारंटीड बेनिफिट) एंट्री एज: 90 दिन से 65 वर्ष तक पॉलिसी टर्म: आजीवन प्रीमियम पेमेंट टर्म: 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12, 15 या 16 साल ग्रेस पीरियड: 30 दिन (वार्षिक/अर्धवार्षिक/त्रैमासिक) और 15 दिन (मासिक) लोन सुविधा: पॉलिसी के Surrender Value पर उपलब्ध 3. गारंटीड एडिशन (Guaranteed Additions) पॉलिसी के पहले 5 साल में ₹40 प्रति 1,000 सम एश्योर्ड 6वें साल से प्रीमियम पेमेंट समाप्त होने तक ₹55 प्रति 1,000 प्रीमियम खत्म होने के बाद भी पॉलिसी चालू रहेगी और आपको जीवन भर 10% वार्षिक इनकम मिलेगी --- 4. लाभ A. मच्योरिटी बेनिफिट: यह एक Whole Life Plan है, इसलिए मच्योरिटी पारंपरिक रूप से नहीं ह...

रथ–यात्रा 2025: पुरी से उज्जवल यात्रा – रथ, परम्पराएँ और महिमा”




रथ–यात्रा 2025: पुरी से उज्जवल यात्रा – रथ, परम्पराएँ और महिमा”


📝 रथ–यात्रा 2025 – एक रंगीन ऐतिहासिक यात्रा


रथ–यात्रा, पुरी (ओडिशा) की सबसे प्राचीन और भव्य हिंदू झांकियों में से एक है। इसे आषाढ़ शुक्ल द्वितीया (जून–जुलाई) को मनाया जाता है ।


📅 2025 की तिथि


27 जून 2025, शुक्रवार को


इस त्यौहार की शुरुआत द्वितीया से होती है और कुल अवधि होती है लगभग एक सप्ताह ।



🚩 महत्त्व और उत्सव की झलक


1. भगवान जगन्नाथ,बालभद्र व सुभद्रा को तीन विशाल लकड़ी के रथों में रखा जाता है।



2. ये रथ हजारों श्रद्धालुओं द्वारा बड़ा दंडा मार्ग से खींचकर गुंडिचा मंदिर ले जाए जाते हैं, जहाँ वे करीब सात दिन ठहरते हैं ।

3. वापसी यात्रा को बाहुदा यात्रा कहते हैं।

4. रास्ते में मौसी माँ मंदिर आँखों का विश्राम है, और वहाँ उन्हें पोड़ा पीठा अर्पित किया जाता है ।





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🛠️ रथों की विशेषताएँ


रथ नाम पहिए ऊँचाई रंग-साज


जगन्नाथ नन्दीघोषा 16 44′2″ लाल–पीला

बालभद्र तालध्वजा 14 43′3″ लाल–हरित

सुभद्रा दर्पदलना 12 42′3″ लाल–काला





इन रथों का निर्माण डासपल्ला क्षेत्र की विशेष लकड़ियों से वार्षिक तैयार किया जाता है।


हर रथ में 9 पार्श्व देवता और चार घोड़े की प्रतिकृति होती है ।




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🎶 अनुष्ठानिक गीत – Dahuka Boli


Dahuka boli या रथ–दहुका गीत झांकियों की अनिवार्य परंपरा है।


म्यूजिक केवल यहीं गाया जाता है और यह रथ के खींचने की क्रिया की शुरुआत का संकेत है—कहते हैं, जब तक ये गीत नहीं गाए जाते, रथ नहीं खिंचता ।




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🏘️ पटरचित्र कला – राघुराजपुर


पुरी से लगभग 14 किमी दूर स्थित गाँव राघुराजपुर, जहाँ की पटर चित्रकारी (Pattachitra) कला रथ–यात्रा को सांस्कृतिक रंग प्रदान करती है ।


यहाँ कलाकार पारम्परिक रथों की छवियाँ पेंट करते हैं, जो सजावट और श्रृंखला दोनों में प्रयोग होती हैं।




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🎉 यात्रा की विस्तृत रूपरेखा


1. दिन 1: रथ तैयार होते हैं।



2. प्रथम अनुष्ठान: ‘दहुका गीत’ से रथ की गति होती है।



3. गुंडिचा मंदिर यात्रा: 7 दिनों तक देवता वहाँ प्रवास करते हैं।



4. बाहुदा यात्रा: वापसी के मार्ग में रुकावट, भोजन व्यंजन (पोड़ा पीठा) और जीवंत उत्सव।



5. पूर्ण समाप्ति: वापस रथ में प्रवेश एवं आरती द्वारा संकल्प।





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🔚 समापन


रथ–यात्रा केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं—यह ओडिशा की सांस्कृतिक पहचान, लोककला, संगीत और भक्ति का संगम हैं।

– लकड़ियों से बने रथों का निर्माण,

– दहुका गीतों की ऊर्जा,

– राघुराजपुर के पटर चित्रों की कला—

ये सब मिलकर इसे विश्व का एक अदभुत उत्सव बनाते हैं।



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✍️ निष्कर्ष:

यह ब्लॉग रथ–यात्रा 2025 की पूरी जानकारी हिंदी में प्रस्तुत करता है — तारीख, रथों की विशेषताएँ, अनुष्ठान और सांस्कृतिक महत्ता। इसे अपने ब्लॉग पर प्रकाशित करें और पाठकों को इस विशाल उत्सव की गरिमा से परिचित कराएं।






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