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RBI के नए नियम: अब चेक क्लियरेंस सिर्फ घंटों में – जानिए फायदे और सावधानियाँ"

  RBI के नए नियम: अब चेक क्लियरेंस सिर्फ घंटों में – जानिए फायदे और सावधानियाँ" परिचय बैंकिंग की दुनिया में अब बदलाव की राह दिखने लगी है। भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है, जिससे चेक क्लियर होने का समय अब केवल दो दिनों तक सीमित नहीं रहेगा। यदि आप चेक उपयोग करते हैं, तो यह सूचना आपके लिए बेहद जरूरी है। RTC (Continuous Clearing)… एक क्रांतिकारी सेवा नया सिस्टम क्या है? RBI ने फेज़-1 में 4 अक्टूबर 2025 से और फेज़-2 में 3 जनवरी 2026 से, “Continuous Clearing and Settlement on Realisation” नामक सिस्टम लागू करने का निर्णय लिया है। इस बदलाव से अब चेक क्लियर करने का समय घटकर घंटों में हो जाएगा—जिसकी शुरुआत सिर्फ दो कार्य दिवस तक के समय से होती है । फेज़-1: क्या होगा? चेक 10 AM से 4 PM के बीच बैंक को जमा करवाने पर तुरंत स्कैन करके क्लियरिंग हाउस को भेजा जाएगा। भुगतान बैंक को 7 PM तक चेक के सम्मान (honour) या अस्वीकृति (dishonour) की जानकारी देनी होगी। यदि उत्तर नहीं मिलता, तो चेक स्वतः ही स्वीकृति मान लिया जाएगा और क्लियर हो जाएगा । फेज़-2: T+3 घंटे का आश...

रेगिस्तान में भी अब बहेगी पानी की धार: IIT मद्रास की 'NERO' तकनीक का कमाल"

 

परिचय
:

जल संकट आज पूरी दुनिया के सामने एक गंभीर समस्या बन चुका है, विशेषकर उन क्षेत्रों में जहां जलस्रोत सीमित हैं, जैसे रेगिस्तानी इलाके। इसी चुनौती का समाधान लेकर आए हैं IIT मद्रास और तीर्था कंपनी के वैज्ञानिक, जिन्होंने मिलकर 'नेरो' (NERO) नामक एक अनोखी मशीन विकसित की है। यह तकनीक बिना बिजली के, सिर्फ सूरज की रोशनी का उपयोग करके हवा से पानी निकालती है। आइए, स्टेप-बाय-स्टेप समझते हैं कि यह कैसे काम करती है और इसके क्या फायदे हैं।

स्टेप 1: 'NERO' मशीन का उद्देश्य

'नेरो' मशीन का मुख्य उद्देश्य है – उन इलाकों में पीने योग्य पानी उपलब्ध कराना जहां जल की भारी कमी है। रेगिस्तानी और शुष्क क्षेत्रों में, जहां भूजल तक पहुंच संभव नहीं, वहां यह मशीन एक वरदान साबित हो सकती है।

स्टेप 2: ऊर्जा स्रोत – सूरज की रोशनी

इस मशीन की खासियत यह है कि इसे चलाने के लिए बिजली की जरूरत नहीं होती। यह पूरी तरह सौर ऊर्जा पर आधारित है। दिन के समय सूरज की रोशनी से यह मशीन चार्ज होती है और अपने सिस्टम को सक्रिय रखती है।

स्टेप 3: रात में नमी को संग्रह करना

'NERO' मशीन का कार्य चक्र रात में शुरू होता है, जब वायुमंडल में नमी अधिक होती है। मशीन हवा से इस नमी को अवशोषित करती है और एक विशेष मटेरियल में उसे संग्रहित कर लेती है।

स्टेप 4: दिन में साफ पानी का उत्पादन

अगले दिन जब सूरज की रोशनी फिर से मशीन पर पड़ती है, तो यह संग्रहित नमी वाष्पीकृत होकर संघनन प्रक्रिया से पानी में बदल जाती है। यह पानी पूरी तरह से साफ और पीने योग्य होता है।


स्टेप 5: दैनिक उत्पादन

'NERO' मशीन प्रतिदिन 5 से 10 लीटर तक स्वच्छ पानी उत्पन्न करने में सक्षम है, जो एक छोटे परिवार की दैनिक जल आवश्यकताओं को पूरा कर सकता है।

स्टेप 6: उपयोगिता और संभावनाएं

यह तकनीक उन गांवों और इलाकों के लिए वरदान है जहां जल संकट चरम पर है।

सेना के लिए सीमावर्ती रेगिस्तानी क्षेत्रों में यह बहुत उपयोगी हो सकती है।

भविष्य में इसका उपयोग शहरी इलाकों में भी बैकअप जल स्रोत के रूप में किया जा सकता है।

निष्कर्ष:

IIT मद्रास और तीर्था कंपनी की यह पहल न केवल तकनीकी नवाचार का उदाहरण है, बल्कि यह मानवता के भविष्य के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम है। 'NERO' जैसी मशीनें यह संदेश देती हैं कि अगर इच्छा हो और सही दिशा में प्रयास किए जाएं, तो प्रकृति की चुनौतियों को अवसर में बदला जा सकता है।


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