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RBI के नए नियम: अब चेक क्लियरेंस सिर्फ घंटों में – जानिए फायदे और सावधानियाँ"

  RBI के नए नियम: अब चेक क्लियरेंस सिर्फ घंटों में – जानिए फायदे और सावधानियाँ" परिचय बैंकिंग की दुनिया में अब बदलाव की राह दिखने लगी है। भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है, जिससे चेक क्लियर होने का समय अब केवल दो दिनों तक सीमित नहीं रहेगा। यदि आप चेक उपयोग करते हैं, तो यह सूचना आपके लिए बेहद जरूरी है। RTC (Continuous Clearing)… एक क्रांतिकारी सेवा नया सिस्टम क्या है? RBI ने फेज़-1 में 4 अक्टूबर 2025 से और फेज़-2 में 3 जनवरी 2026 से, “Continuous Clearing and Settlement on Realisation” नामक सिस्टम लागू करने का निर्णय लिया है। इस बदलाव से अब चेक क्लियर करने का समय घटकर घंटों में हो जाएगा—जिसकी शुरुआत सिर्फ दो कार्य दिवस तक के समय से होती है । फेज़-1: क्या होगा? चेक 10 AM से 4 PM के बीच बैंक को जमा करवाने पर तुरंत स्कैन करके क्लियरिंग हाउस को भेजा जाएगा। भुगतान बैंक को 7 PM तक चेक के सम्मान (honour) या अस्वीकृति (dishonour) की जानकारी देनी होगी। यदि उत्तर नहीं मिलता, तो चेक स्वतः ही स्वीकृति मान लिया जाएगा और क्लियर हो जाएगा । फेज़-2: T+3 घंटे का आश...

बीमार होने का बहाना बना दूल्हा, अस्पताल से किया कॉल और फिर हुआ ऐसा खुलासा कि उड़ गए सबके होश!"**


 दूल्हा बोला – “मैं बीमार हूं, बारात नहीं ला सकता…” फिर जो हुआ, उसने रिश्तों की नींव हिला दी


शादी—हर परिवार के लिए एक सपना, एक उत्सव और जीवनभर की खुशियों का प्रतीक होती है। लेकिन उत्तर प्रदेश के एक शहर में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने शादी जैसे पवित्र बंधन को शर्मसार कर दिया। जहां दूल्हे ने शादी के दिन अस्पताल से फोन कर अपने बीमार होने की बात कही, लेकिन जब परिजन अस्पताल पहुंचे तो जो सच्चाई सामने आई, उसने सभी के होश उड़ा दिए।


घटना की शुरुआत: फोन कॉल जिसने सब कुछ बदल दिया


शादी की तैयारियां पूरे जोर-शोर से चल रही थीं। घर में बैंड-बाजे की गूंज थी, रिश्तेदार जुट चुके थे और दुल्हन ने भी अपने सपनों का जोड़ा पहन लिया था। तभी दुल्हन के घर एक फोन कॉल आया। कॉल दूल्हे की ओर से था। उसने कहा कि वह बहुत बीमार है और अस्पताल में भर्ती है, इसलिए वह बारात नहीं ला पाएगा।


यह सुनते ही पूरे परिवार में खलबली मच गई। एक ओर दिल टूटती उम्मीदें थीं, तो दूसरी ओर चिंता कि कहीं कुछ गंभीर न हो गया हो। दुल्हन के परिवार वाले तुरंत अस्पताल पहुंचे जहां दूल्हा भर्ती होने की बात कर रहा था।


अस्पताल का सच: न बीमार, न भर्ती — सब था झूठ


जब परिजन अस्पताल पहुंचे और वहां जानकारी लेने लगे, तो उन्हें बड़ा झटका लगा। अस्पताल प्रशासन ने बताया कि उस नाम का कोई मरीज भर्ती नहीं है और न ही पिछले कुछ दिनों में ऐसा कोई केस आया है।


शक गहराया तो उन्होंने दूल्हे के दोस्तों से संपर्क किया और तब जाकर पूरी सच्चाई सामने आई। दरअसल, दूल्हा शादी करना ही नहीं चाहता था और उसने ये सब कुछ प्लान करके झूठी बीमारी का बहाना बनाया था।


पलभर में उजड़ गया सपना


दुल्हन के परिवार के लिए यह खबर किसी तूफान से कम नहीं थी। जिस लड़की ने बचपन से शादी के सपने देखे थे, वह एक झूठ की वजह से पलभर में टूट गई। रिश्तेदारों की भीड़, सजी हुई मंडप और मेहमानों की मौजूदगी के बीच यह हादसा भावनात्मक रूप से बहुत बड़ा था।


दुल्हन की आंखों में आंसू थे और पिता के चेहरे पर बेबसी। समाज में इज्जत और लड़की के भविष्य को लेकर चिंता और गहरा गई।


परिजनों की प्रतिक्रिया और पुलिस में शिकायत


दूल्हे की इस हरकत से आहत होकर दुल्हन के परिवार ने तुरंत पुलिस से संपर्क किया। उन्होंने दूल्हे और उसके परिवार पर धोखाधड़ी और मानसिक उत्पीड़न का मामला दर्ज करवाया। पुलिस ने भी मामला गंभीरता से लिया और जांच शुरू कर दी।


यह सिर्फ एक शादी टूटने की बात नहीं थी, बल्कि यह भावनाओं, विश्वास और सामाजिक मर्यादाओं के साथ खिलवाड़ था।


समाज में बढ़ते ऐसे मामले: चिंता की बात


यह पहली बार नहीं है जब किसी ने शादी से ठीक पहले पीछे हटने के लिए बहाने बनाए हों। पहले दहेज, फिर नौकरी या विदेश जाने के बहाने, और अब बीमारी का बहाना बनाकर रिश्ते तोड़ने की घटनाएं आम होती जा रही हैं। यह हमारे समाज में रिश्तों की गिरती साख का प्रतीक है।


शादी, जो दो आत्माओं का पवित्र बंधन मानी जाती है, उसे स्वार्थ और झूठ का शिकार बनाया जा रहा है।


क्या है समाधान?


ऐसे मामलों से बचने के लिए जरूरी है कि:


1. शादी से पहले दोनों पक्ष एक-दूसरे को ठीक से समझें।


2. पारिवारिक पृष्ठभूमि और मानसिकता का विश्लेषण किया जाए।


3. कानूनी समझौतों की भी मदद ली जा सकती है ताकि कोई पक्ष धोखा न दे सके।


4. सबसे महत्वपूर्ण है – संवाद। रिश्ते भरोसे पर चलते हैं, और यदि कहीं कोई संदेह है तो उसे खुलकर साझा किया जाना चाहिए।


निष्कर्ष

यह घटना न केवल एक परिवार की दुखद कहानी है, बल्कि पूरे समाज को एक चेतावनी भी है। रिश्तों को निभाने के लिए साहस और ईमानदारी की जरूरत होती है, न कि झूठ और बहानों की। झूठ के सहारे बनाए गए रिश्ते कभी भी स्थाई नहीं हो सकते।


आइए, हम सब मिलकर ऐसे फरेब को रोकने के लिए जागरूक हों और

 रिश्तों को सच्चाई और सम्मान की नींव पर ही आगे बढ़ाएं।



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