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LIC Jeevan Utsav Plan (771)

 LIC Jeevan Utsav Plan (771) – Features, Benefits & Maturity Details 1. योजना का परिचय LIC Jeevan Utsav Plan (प्लान नंबर 771) एक Whole Life Assurance Plan है जो गारंटीड रिटर्न, जीवन भर कवर और नियमित इनकम की सुविधा प्रदान करता है। यह नॉन-लिंक्ड, गारंटीड बेनिफिट वाली योजना है जिसमें आपको लाइफ टाइम तक इनकम मिलती है और आपके परिवार को सिक्योरिटी भी। --- 2. मुख्य विशेषताएँ प्लान टाइप: Whole Life Assurance (गारंटीड बेनिफिट) एंट्री एज: 90 दिन से 65 वर्ष तक पॉलिसी टर्म: आजीवन प्रीमियम पेमेंट टर्म: 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12, 15 या 16 साल ग्रेस पीरियड: 30 दिन (वार्षिक/अर्धवार्षिक/त्रैमासिक) और 15 दिन (मासिक) लोन सुविधा: पॉलिसी के Surrender Value पर उपलब्ध 3. गारंटीड एडिशन (Guaranteed Additions) पॉलिसी के पहले 5 साल में ₹40 प्रति 1,000 सम एश्योर्ड 6वें साल से प्रीमियम पेमेंट समाप्त होने तक ₹55 प्रति 1,000 प्रीमियम खत्म होने के बाद भी पॉलिसी चालू रहेगी और आपको जीवन भर 10% वार्षिक इनकम मिलेगी --- 4. लाभ A. मच्योरिटी बेनिफिट: यह एक Whole Life Plan है, इसलिए मच्योरिटी पारंपरिक रूप से नहीं ह...

द्वारका एक्सप्रेसवे: भारत का पहला बिना टोल बूथ वाला हाईवे – जानिए इसकी विशेषताएं और फायदे"

 


द्वारका एक्सप्रेसवे: भारत का पहला बिना टोल बूथ वाला हाईवे – जानिए इसकी विशेषताएं और फायदे।


भारत में सड़कों का जाल दिन-प्रतिदिन आधुनिकता की ओर बढ़ रहा है, और इसका ताजा उदाहरण है द्वारका एक्सप्रेसवे। यह एक्सप्रेसवे न केवल अपने निर्माण में नवीनतम तकनीकों का उपयोग करता है, बल्कि यह देश का पहला ऐसा हाईवे बन गया है जहाँ टोल बूथ की आवश्यकता नहीं होगी। आइए, इस अद्वितीय परियोजना की विशेषताओं और इसके लाभों पर एक विस्तृत नज़र डालते हैं।

1. द्वारका एक्सप्रेसवे: एक परिचय


द्वारका एक्सप्रेसवे, जिसे राष्ट्रीय राजमार्ग 248-BB (NH 248-BB) के नाम से भी जाना जाता है, दिल्ली के महिपालपुर से शुरू होकर हरियाणा के खेड़की दौला टोल प्लाजा तक फैला हुआ है। इसकी कुल लंबाई लगभग 27.6 किलोमीटर है, जिसमें से 18.9 किलोमीटर हरियाणा में और 10.1 किलोमीटर दिल्ली में है। यह एक्सप्रेसवे दिल्ली और गुरुग्राम के बीच यातायात को सुगम बनाने के उद्देश्य से बनाया गया है।


2. निर्माण और लागत


इस परियोजना की नींव 2007 में रखी गई थी, लेकिन विभिन्न कारणों से इसमें देरी हुई। अब यह ₹9,000 करोड़ की लागत से तैयार हो चुका है। इस लागत में भूमि अधिग्रहण, निर्माण और आधुनिक तकनीकों का खर्च शामिल है। यह एक्सप्रेसवे भारत का पहला 8-लेन शहरी एलिवेटेड एक्सप्रेसवे है, जिसमें 75% हिस्सा (लगभग 21.4 किमी) एलिवेटेड है।


3. बिना टोल बूथ वाला हाईवे: एक क्रांतिकारी पहल


द्वारका एक्सप्रेसवे पर टोल संग्रहण के लिए पारंपरिक टोल बूथ की आवश्यकता नहीं होगी। इसके स्थान पर एक अत्याधुनिक "फ्री फ्लो टोलिंग सिस्टम" लागू किया गया है। इस प्रणाली के अंतर्गत:


ऑटोमेटिक टोल संग्रहण: जैसे ही वाहन एक्सप्रेसवे पर प्रवेश करेगा, हाई-रेजोल्यूशन कैमरे और सेंसर वाहन की नंबर प्लेट और फास्टैग को स्कैन करेंगे। इसके बाद टोल शुल्क स्वतः ही वाहन मालिक के खाते से कट जाएगा।


मानव रहित प्रणाली: इस प्रणाली में किसी भी कर्मचारी की आवश्यकता नहीं होगी। सभी प्रक्रियाएँ स्वचालित होंगी, जिससे मानवीय त्रुटियों की संभावना समाप्त हो जाएगी।


तेज गति से गुजरने की सुविधा: वाहन बिना रुके 100 किमी/घंटा की गति से भी टोल संग्रहण प्रक्रिया से गुजर सकते हैं, जिससे समय की बचत होगी।



4. तकनीकी विशेषताएँ


उन्नत सेंसर और कैमरे: एक्सप्रेसवे पर विभिन्न स्थानों पर हाई-रेजोल्यूशन कैमरे और सेंसर लगाए गए हैं, जो 50 मीटर की दूरी से ही वाहन की पहचान कर सकते हैं।


स्वचालित नंबर प्लेट पहचान प्रणाली (ANPR): यह प्रणाली वाहन की नंबर प्लेट को स्कैन करके टोल शुल्क की गणना करती है।


फास्टैग और GNSS आधारित प्रणाली: वर्तमान में फास्टैग का उपयोग किया जा रहा है, लेकिन भविष्य में ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (GNSS) आधारित टोलिंग प्रणाली लागू की जा सकती है।


5. यातायात और पर्यावरण पर प्रभाव


जाम में कमी: बिना टोल बूथ के कारण वाहन बिना रुके गुजर सकते हैं, जिससे ट्रैफिक जाम की समस्या में कमी आएगी।


समय की बचत: टोल बूथ पर रुकने की आवश्यकता नहीं होने से यात्रा का समय कम होगा।


ईंधन की बचत: लगातार गति से चलने के कारण ईंधन की खपत में कमी आएगी, जिससे पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।


6. सुरक्षा और निगरानी


कंट्रोल रूम: एक्सप्रेसवे पर एक कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है, जहाँ से पूरे एक्सप्रेसवे की निगरानी की जाएगी।


तकनीकी सहायता: किसी भी तकनीकी समस्या के समाधान के लिए इंजीनियरों की टीम तैनात रहेगी।


चोरी और अपराध की रोकथाम: उन्नत कैमरे और सेंसर चोरी या अन्य अपराधों की निगरानी में सहायक होंगे।


7. भविष्य की योजनाएँ


द्वारका एक्सप्रेसवे पर लागू की गई यह प्रणाली एक पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू की गई है। यदि यह सफल होती है, तो इसे देश के अन्य हिस्सों में भी लागू किया जा सकता है। इससे भारत में टोल संग्रहण प्रणाली में एक नई क्रांति आएगी।



8. निष्कर्ष


द्वारका एक्सप्रेसवे पर बिना टोल बूथ की प्रणाली भारत में सड़क परिवहन के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह न केवल यात्रियों को सुविधा प्रदान करेगा, बल्कि समय, ईंधन और संसाधनों की बचत भी करेगा। भविष्य में इस प्रणाली के सफल कार्यान्वयन से देश के अन्य हिस्सों में भी इसी प्रकार की आधुनिक प्रणालियों की उम्मीद की जा सकती है।




नोट: इस लेख में दी गई जानकारी विभिन्न स्रोतों पर आधारित है और समय-समय पर इसमें परिवर्तन संभव है। नवीनतम जानकारी के लिए संबंधित अधिकारियों या आधिकारिक वेबसाइटों से संपर्क करें।

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