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RBI के नए नियम: अब चेक क्लियरेंस सिर्फ घंटों में – जानिए फायदे और सावधानियाँ"

  RBI के नए नियम: अब चेक क्लियरेंस सिर्फ घंटों में – जानिए फायदे और सावधानियाँ" परिचय बैंकिंग की दुनिया में अब बदलाव की राह दिखने लगी है। भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है, जिससे चेक क्लियर होने का समय अब केवल दो दिनों तक सीमित नहीं रहेगा। यदि आप चेक उपयोग करते हैं, तो यह सूचना आपके लिए बेहद जरूरी है। RTC (Continuous Clearing)… एक क्रांतिकारी सेवा नया सिस्टम क्या है? RBI ने फेज़-1 में 4 अक्टूबर 2025 से और फेज़-2 में 3 जनवरी 2026 से, “Continuous Clearing and Settlement on Realisation” नामक सिस्टम लागू करने का निर्णय लिया है। इस बदलाव से अब चेक क्लियर करने का समय घटकर घंटों में हो जाएगा—जिसकी शुरुआत सिर्फ दो कार्य दिवस तक के समय से होती है । फेज़-1: क्या होगा? चेक 10 AM से 4 PM के बीच बैंक को जमा करवाने पर तुरंत स्कैन करके क्लियरिंग हाउस को भेजा जाएगा। भुगतान बैंक को 7 PM तक चेक के सम्मान (honour) या अस्वीकृति (dishonour) की जानकारी देनी होगी। यदि उत्तर नहीं मिलता, तो चेक स्वतः ही स्वीकृति मान लिया जाएगा और क्लियर हो जाएगा । फेज़-2: T+3 घंटे का आश...

कर्नल सोफिया कुरैशी: भारतीय सेना की पहली महिला कमांडर की प्रेरणादायक कहानी

 

परिचय: भारतीय सेना की शेरनी – कर्नल सोफिया कुरैश


भारत की बेटियाँ आज हर मोर्चे पर अग्रणी भूमिका निभा रही हैं। चाहे विज्ञान हो, खेल हो या सुरक्षा बल—हर क्षेत्र में महिलाएं अपनी छाप छोड़ रही हैं। ऐसे ही एक प्रेरणास्पद नाम हैं – कर्नल सोफिया कुरैशी, जो भारतीय सेना की पहली महिला कमांडर बनीं, जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास में भारत का नेतृत्व किया।

शिक्षा और प्रारंभिक जीवन

कर्नल सोफिया कुरैशी का जन्म गुजरात के वडोदरा में हुआ। इन्होंने बायोकैमिस्ट्री में मास्टर डिग्री हासिल की और फिर 1994 में भारतीय सेना की सिग्नल कोर में कमीशन प्राप्त किया। विज्ञान की छात्रा होने के बावजूद उन्होंने सेना को अपना करियर चुना और आज वे देश की प्रेरणा बन चुकी हैं।

प्रमुख उपलब्धियाँ

2016 में कर्नल सोफिया ने इतिहास रच दिया, जब उन्हें थाईलैंड में आयोजित मल्टीनेशनल मिलिट्री एक्सरसाइज ‘Force 18’ में 18 देशों की टुकड़ियों की कमान संभालने वाली पहली भारतीय महिला अधिकारी बनने का गौरव प्राप्त हुआ।

वह साइबर युद्ध और संचार व्यवस्था की विशेषज्ञ हैं और उन्होंने सेना के कई आधुनिक अभियानों में नेतृत्व किया है, जैसे – ऑपरेशन सिंदूर। इस मिशन में उन्होंने तकनीकी और रणनीतिक रूप से भारत की सेना का नेतृत्व किया।

संयुक्त राष्ट्र मिशन में योगदान

कर्नल सोफिया ने संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन (MONUSCO) में भी भारत का नेतृत्व किया और दुनिया भर में शांति स्थापना के लिए सराहनीय योगदान दिया। उनकी यह भूमिका अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की साख को मजबूत करती है।

सम्मान और पुरस्कार

ग्लोबल पीस गांधी अवार्ड (2019)

UN Peacekeeping Medal

ऑपरेशन विजय सेवा पदक

GOC-in-C Commendation Card

ये पुरस्कार न केवल उनके साहस और समर्पण का प्रतीक हैं, बल्कि हर भारतीय महिला को यह संदेश देते हैं कि अगर हिम्मत हो, तो कोई भी सीमा रोड़ नहीं बन सकती।

निजी जीवन और सोच

2015 में उन्होंने कर्नल ताजुद्दीन बागेवाड़ी से विवाह किया। उन्हें पर्वतारोहण, भाषाओं और सामाजिक सेवा में रुचि है। वे चार भाषाओं में पारंगत हैं – हिंदी, अंग्रेज़ी, उर्दू और फ्रेंच

निष्कर्ष: एक मिसाल बन चुकी हैं कर्नल सोफिया कुरैशी

कर्नल सोफिया कुरैशी सिर्फ एक सैन्य अधिकारी नहीं, बल्कि भारतीय नारी की शक्ति, साहस और समझदारी की प्रतीक हैं। उनकी कहानी हर उस युवती के लिए एक प्रेरणा है, जो देश सेवा का सपना देखती है। भारतीय सेना की वर्दी पहनना जितना गर्व की बात है, उतनी ही बड़ी जिम्मेदारी भी—and कर्नल सोफिया इस जिम्मेदारी को बखूबी निभा रही हैं।

अगर आप महिला सशक्तिकरण, भारतीय सेना या प्रेरणादायक कहानियों में रुचि रखते हैं,तो कर्नल सोफिया कुरैशी की कहानी जरूर पढ़ें और शेयर करें।

कमलेश तिवारी जौनपुरी 


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