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RBI के नए नियम: अब चेक क्लियरेंस सिर्फ घंटों में – जानिए फायदे और सावधानियाँ"

  RBI के नए नियम: अब चेक क्लियरेंस सिर्फ घंटों में – जानिए फायदे और सावधानियाँ" परिचय बैंकिंग की दुनिया में अब बदलाव की राह दिखने लगी है। भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है, जिससे चेक क्लियर होने का समय अब केवल दो दिनों तक सीमित नहीं रहेगा। यदि आप चेक उपयोग करते हैं, तो यह सूचना आपके लिए बेहद जरूरी है। RTC (Continuous Clearing)… एक क्रांतिकारी सेवा नया सिस्टम क्या है? RBI ने फेज़-1 में 4 अक्टूबर 2025 से और फेज़-2 में 3 जनवरी 2026 से, “Continuous Clearing and Settlement on Realisation” नामक सिस्टम लागू करने का निर्णय लिया है। इस बदलाव से अब चेक क्लियर करने का समय घटकर घंटों में हो जाएगा—जिसकी शुरुआत सिर्फ दो कार्य दिवस तक के समय से होती है । फेज़-1: क्या होगा? चेक 10 AM से 4 PM के बीच बैंक को जमा करवाने पर तुरंत स्कैन करके क्लियरिंग हाउस को भेजा जाएगा। भुगतान बैंक को 7 PM तक चेक के सम्मान (honour) या अस्वीकृति (dishonour) की जानकारी देनी होगी। यदि उत्तर नहीं मिलता, तो चेक स्वतः ही स्वीकृति मान लिया जाएगा और क्लियर हो जाएगा । फेज़-2: T+3 घंटे का आश...

2025 में B.Ed कोर्स में बड़ा बदलाव: NCTE ने जारी की नई गाइडलाइन – जानें पूरी डिटेल”

 भारतीय शिक्षण प्रशिक्षण में एक महत्वपूर्ण मोड़ आ गया है: राष्ट्रीय शिक्षक पात्रता एवं प्रशिक्षण परिषद (NCTE) ने 1 जुलाई 2025 से प्रभावी होने वाली नई B.Ed गाइडलाइन जारी कर दी है। इस गाइडलाइन के लागू होने से बीएड कोर्स की संरचना, अवधि, प्रवेश प्रक्रिया और मूल्यांकन पद्धति में बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे। आइए विस्तार से समझते हैं कि विद्यार्थी, महाविद्यालय और अन्य स्टेकहोल्डर इस बदलाव से कैसे लाभान्वित और प्रभावित होंगे।


1. बीएड की अवधि और संरचना में बदलाव


दो वर्षीय एविएबल सिस्टम: NCTE ने स्पष्ट किया है कि अब B.Ed कोर्स केवल दो साल (चार सेमेस्टर) का ही होगा। पूर्व में प्रचलित एक वर्षीय (दो सेमेस्टर) अथवा विविध विश्वविद्यालय-आधारित मॉडल अब समाप्त हो जाएंगे।


क्रेडिट बेस्ड लर्निंग: हर सेमेस्टर में न्यूनतम 20 क्रेडिट और पूरे कोर्स में कुल 80 क्रेडिट अनिवार्य होंगे। क्रेडिट में शिक्षण-पद्धति, मनोविज्ञान, शैक्षिक मूल्यांकन, और इंटर्नशिप शामिल हैं।


लाभ:


दीर्घकालिक अधिगम से शिक्षक प्रशिक्षण का स्तर सुधरेगा।


इंटर्नशिप और प्रायोगिक प्रशिक्षण के लिए पर्याप्त समय मिलेगा।

2. पाठ्यक्रम (Curriculum) में प्रमुख अपडेट


विशेष शिक्षण क्षेत्र (Specialisation): अब विद्यार्थी प्राथमिक (क्लास 1–5) या माध्यमिक (क्लास 6–12) शिक्षण में विशेषज्ञता चुन सकेंगे।


इंटीग्रेटेड कंप्यूटर एप्लीकेशन: सभी संस्थानों को डिजिटल शिक्षण सामग्री और एकीकृत कंप्यूटर प्रयोगशाला स्थापित करना अनिवार्य होगा।


मूल्यांकन और गैर-मूल्यांकन टूल: परियोजना-आधारित मूल्यांकन, पोर्टफोलियो, विमर्श, ऊँची सोच कौशल (Higher Order Thinking Skills) पर जोर।


3. प्रवेश प्रक्रिया एवं योग्यता


1. राष्ट्रीय योग्यता परीक्षा (NBEET): अब से B.Ed प्रवेश के लिए केंद्रीय स्तर पर आयोजित NCTE-B.Ed एंट्रेंस टेस्ट (NBEET) पास करना अनिवार्य होगा।



2. योग्यता: किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से BA, B.Sc., B.Com या समकक्ष डिग्री, न्यूनतम 50% अंकों के साथ। आरक्षित वर्गों को अनुसूचित जाति/जनजाति एवं OBC के लिए 5% अंक छूट।



3. प्राथमिकता: विज्ञान विषयों में स्नातक, महिला अभ्यर्थियों, ग्रामीण पृष्ठभूमि के अभ्यर्थियों और कम आय वर्ग के विद्यार्थियों को कॉलेजों में सीटों पर आरक्षण मिलेगा।





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4. इंटर्नशिप और फील्ड अनुभव


दो चरणीय इंटर्नशिप:


पहला चरण (Semester II में): शैक्षिक संस्थानों में 30 दिन का अवलोकन अधिगम व प्रशिक्षण।


दूसरा चरण (Semester IV में): 60 दिन की वास्तविक कक्षा शिक्षण प्रैक्टिस और परियोजना कार्य।



मेन्टॉरशिप: प्रत्येक प्रशिक्षु शिक्षक को अनुभवी मेंटर टीचर द्वारा गाइड किया जाएगा।


रिपोर्टिंग और मूल्यांकन: इंटर्नशिप के दौरान नियमित रिपोर्ट, वीडियो वॉचिंग व फीडबैक, तथा समग्र मूल्यांकन होगा।

5. मूल्यांकन पद्धति (Assessment)


सतत आंतरिक मूल्यांकन (CIA): पाली-वार (per paper) असाइनमेंट, क्विज़, प्रस्तुतीकरण एवं समूह चर्चा। कुल अंक का 40% अंतर्गत।


समाप्ति परीक्षा (Semester Exams): शेष 60% अंक सेमेस्टर परीक्षाओं में। प्रश्नपत्रों में बहुविकल्पी, लघु एवं दीर्घ उत्तर, केस स्टडीज़ और परियोजना आधारित प्रश्न शामिल होंगे।


फ़ेल्योर नॉर्म्स: हर सेमेस्टर में न्यूनतम 45% अंक लाना अनिवार्य, दो से अधिक फेल्योर करने पर रिइंट्री की अनुमति नहीं।

6. फीस स्ट्रक्चर और वित्तीय सहायता


लचीली फीस नीति: केंद्र और राज्य सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त महाविद्यालयों में अधिकतम ₹60,000 प्रति वर्ष फीस तय। निजी संस्थानों में अधिकतम ₹1,00,000।


वित्तीय सहायता:


प्रधानमंत्री शिक्षण स्कॉलरशिप (PMSch) – 1000 छात्रवृत्तियाँ।


अंशदायी शिक्षा ऋण योजना – विशेष ब्याज दरों पर।


कम आय वर्ग के विद्यार्थियों के लिए फ्री सीट उपलब्ध।



7. B.Ed प्रशिक्षकों और संस्थानों के लिए अनिवार्य दिशानिर्देश


1. अभ्यर्थी-छात्र अनुपात: 1:20 से अधिक नहीं।



2. शैक्षिक समृद्धि: मासिक शिक्षक विकास सत्र और कार्यशालाएँ।



3. इन्फ्रास्ट्रक्चर: स्मार्ट क्लासरूम, पुस्तकालय में अपडेटेड शिक्षण-संसाधन।



4. गुणवत्ता आश्वासन: हर वर्ष NCTE-संस्था स्वयं के प्रदर्शन की समीक्षा भेजेगी।



निष्कर्ष


NCTE की यह नई गाइडलाइन न केवल B.Ed कोर्स को अधिक व्यवस्थित और आधुनिक बनाएगी, बल्कि भारतीय शिक्षा क्षेत्र में प्रशिक्षित शिक्षकों की गुणवत्ता और सशक्तीकरण को भी बढ़ावा देगी। यदि आप 2025 में B.Ed आरंभ करने की सोच रहे हैं, तो तुरंत स्थानीय NCTE-मान्यता प्राप्त कॉलेज की वेबसाइट पर विजिट करें, NBEET की तैयारी शुरू करें, और अपने भविष्य के शिक्षण करियर को मजबूती से आकार दें।



अब क्या करें?


NBEET रजिस्ट्रेशन: आधिकारिक NCTE पोर्टल पर जाएँ।


कलेज ब्राउज़ करें: अपनी पसंद के क्षेत्र और प्रतिष्ठा के आधार पर कॉलेज लिस्ट बनाएं।


सीट आरक्षित करें: अधिक जानकारी के लिए नजदीकी शिक्षण संस्थान से संपर्क करें।



इस बदलाव को अपने करियर के लिए एक अवसर समझें और नवीनतम निर्देशों के अनुसार तुरंत कदम उठाएँ!


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