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LIC Jeevan Utsav Plan (771)

 LIC Jeevan Utsav Plan (771) – Features, Benefits & Maturity Details 1. योजना का परिचय LIC Jeevan Utsav Plan (प्लान नंबर 771) एक Whole Life Assurance Plan है जो गारंटीड रिटर्न, जीवन भर कवर और नियमित इनकम की सुविधा प्रदान करता है। यह नॉन-लिंक्ड, गारंटीड बेनिफिट वाली योजना है जिसमें आपको लाइफ टाइम तक इनकम मिलती है और आपके परिवार को सिक्योरिटी भी। --- 2. मुख्य विशेषताएँ प्लान टाइप: Whole Life Assurance (गारंटीड बेनिफिट) एंट्री एज: 90 दिन से 65 वर्ष तक पॉलिसी टर्म: आजीवन प्रीमियम पेमेंट टर्म: 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12, 15 या 16 साल ग्रेस पीरियड: 30 दिन (वार्षिक/अर्धवार्षिक/त्रैमासिक) और 15 दिन (मासिक) लोन सुविधा: पॉलिसी के Surrender Value पर उपलब्ध 3. गारंटीड एडिशन (Guaranteed Additions) पॉलिसी के पहले 5 साल में ₹40 प्रति 1,000 सम एश्योर्ड 6वें साल से प्रीमियम पेमेंट समाप्त होने तक ₹55 प्रति 1,000 प्रीमियम खत्म होने के बाद भी पॉलिसी चालू रहेगी और आपको जीवन भर 10% वार्षिक इनकम मिलेगी --- 4. लाभ A. मच्योरिटी बेनिफिट: यह एक Whole Life Plan है, इसलिए मच्योरिटी पारंपरिक रूप से नहीं ह...

यूपी में इंश्योरेंस घोटाले का खुलासा: नौजवानों की हत्याएं और 100 करोड़ की ठगी का पर्दाफाश"

 


उत्तर प्रदेश में इंश्योरेंस घोटाले का चौंकाने वाला मामला, नौजवानों की हत्या कर उठाए जा रहे थे करोड़ों रुपये


उत्तर प्रदेश में एक बेहद चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसने पूरे प्रदेश को हिलाकर रख दिया है। ताजा रिपोर्ट के अनुसार, इंश्योरेंस के नाम पर एक संगठित गिरोह ने 100 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी की है। इस घोटाले की सबसे दर्दनाक बात यह है कि इसमें मासूम और बेरोजगार नौजवानों की जान ली गई, ताकि उनकी मौत के बाद इंश्योरेंस क्लेम के जरिए मोटी रकम वसूली जा सके।


इस मामले की जांच कर रही पुलिस और एजेंसियों ने खुलासा किया है कि कैसे यह गिरोह पहले टारगेटेड युवाओं को फुसलाकर उनके नाम पर बीमा पॉलिसी कराता था, फिर कुछ समय बाद उन्हें मारकर उनकी मौत को हादसा या बीमारी का रूप देता था। इसके बाद बीमा राशि को क्लेम कर लिया जाता था, और इस पूरे खेल में इंश्योरेंस एजेंट से लेकर कुछ सरकारी अफसरों की मिलीभगत सामने आई है।


कैसे चलता था ये इंश्योरेंस फर्जीवाड़ा?


यह गिरोह पहले बेरोजगार या अकेले रहने वाले युवाओं को निशाना बनाता था। इन्हें अच्छी नौकरी या आर्थिक मदद का झांसा देकर उनकी जानकारी जुटाई जाती थी और उनके नाम पर लाखों की बीमा पॉलिसी कराई जाती थी। जब बीमा की अवधि पूरी हो जाती या जरूरत पड़ती, तो इन युवाओं की हत्या कर दी जाती थी।


मौत के बाद मौत को सामान्य या एक्सीडेंटल दर्शाकर क्लेम दायर किया जाता था, जिसमें नकली डॉक्युमेंट्स, मेडिकल रिपोर्ट और मृत्यु प्रमाणपत्र का इस्तेमाल किया जाता था। बीमा कंपनियों से 10 लाख से लेकर 50 लाख तक की राशि क्लेम की जाती थी, जो अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर होती थी।


अब तक कितनी गिरफ्तारियां और क्या खुलासा?


इस घोटाले में अब तक 12 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें कुछ इंश्योरेंस एजेंट, दलाल, फर्जी डॉक्टर्स और यहां तक कि कुछ स्थानीय पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। शुरुआती जांच में पता चला है कि इस गिरोह ने करीब 40 से ज्यादा पॉलिसी क्लेम कर करोड़ों की ठगी की है।


पुलिस ने बताया कि इस गिरोह का नेटवर्क न केवल उत्तर प्रदेश में, बल्कि पड़ोसी राज्यों तक फैला हुआ है। एजेंसियां अब बीमा कंपनियों के साथ मिलकर पुराने क्लेम्स की जांच कर रही हैं, जिससे और भी केस सामने आ सकते हैं।


क्या कहती है जनता और विशेषज्ञ?


स्थानीय लोगों का कहना है कि ऐसे मामले न केवल कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े करते हैं, बल्कि बीमा जैसी जरूरी सेवाओं पर भी लोगों का विश्वास हिला देते हैं। कई लोगों ने सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सरकार को इंश्योरेंस क्लेम प्रक्रिया को और पारदर्शी बनाना चाहिए।


वहीं बीमा विशेषज्ञों का कहना है कि बीमा कंपनियों को अब KYC प्रक्रिया को और सख्त बनाना होगा। बिना उचित जांच के पॉलिसी जारी करना और क्लेम देना भविष्य में और बड़े घोटालों को न्योता दे सकता है।


निष्कर्ष


यह मामला न सिर्फ कानून का उल्लंघन है, बल्कि मानवता के खिलाफ भी है। बेरोजगार युवाओं को पहले झांसा देना और फिर उनकी हत्या कर पैसे कमाना एक ऐसा घिनौना अपराध है, जिसे किसी भी सूरत में माफ नहीं किया जा सकता।


सरकार और संबंधित एजेंसियों को चाहिए कि वे दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दें और भविष्य में ऐसे मामलों की रोकथाम के लिए मजबूत कदम उठाएं। साथ ही, आम जनता को भी सतर्क रहने की जरूरत है कि किसी भी लालच में आकर अपनी व्यक्तिगत जानकारी किसी के साथ साझा न करें।

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